तुम्हारे साथ बिताए लम्हों की यादें संजो ली हमने
हर इक उस पल में जिंदगी जी ली हमने
जाने तुम्हें इसका इल्म है भी या नही
कि बस तुम ही जिंदगी बन बैठे हो मेरी
याद कभी तो मेरी भी आती ही होगी तुमको
भूले से ही सही ये एक बार तो बता दे मुझको
लफ्ज बह चुके है सारे रात दिन आँखों की बारिश में
भीगा मन फ़िर भी बैठा है तुम्हारे इंतजार में
समझ नहीं पाए हो हमारे रिश्ते को अभी
वरना ख़ुद को यूं जुदा हमसे रख न पाते कभी
दर्द देने आओ तो भी गम नही हमें
दीदार तो होगा तुम्हारा इसकी खुशी होगी हमें